Book Title: Adhar Abhishek ka Suvarna Avasar
Author(s): Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti
Publisher: Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti

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Page 20
________________ नववे अभिषेक में सद्औषधि में आती हुई वस्तुए इस तरह है... १. प्रियंगु २. वत्स ३. कंकेली ४. रसाल ५. पत्र-भल्लात ६. ईलायची ७. तज ८. विष्णुक्रांता ९. अहिमवाल १०. लवंगादि आठ और ११. मयूरशिखा इतनी वनस्पतीए आती है । सदौषधि के चूर्ण से मिश्रित जल के कलशे लेकर खडे रहीये । नमोऽर्हत् सिद्धाचार्योपाध्याय सर्व साधूभ्यः बोलकर नीचे दीए गए श्लोक बोलीये । प्रियङ्गु-वत्स-कङ्केली-रसालादि-तरुद्भवैः । पल्लवैः पत्र-भल्लातै-रेलची-तज-सत्फलैः ।।१।। विष्णुक्रान्ता-हिप्रवाल-लवङ्गादिभि-रष्टभिः । मूलाष्टकै-स्तथाद्रव्यैः, सदौषधि-विमिश्रितैः ।।२।। सुगन्ध-द्रव्य-सन्दोह-मोद-मत्तालि-संकुलैः । विदघे-ऽर्हन महास्नात्रं, शुभ-सन्तति-सूचकम् ।।३।। सुपवित्र-मूलिकावर्ग-मर्दिते तदुदकस्य शुभधारा | बिम्बे-ऽधिवास-समये, यच्छतु सौख्यानि निपतन्ती ।।४।। बिम्बस्य मयूरशिखा-मूलिका-मिश्रितै-र्जलैः स्नपनम् । _ विदधति विशुद्ध-मनसो मा भूदिव दृष्टि-रिति बुध्दया ।।५।। वशकारि-मयूरशिखादि मूलिका-कलित-जलभरैः स्नपनम् । बिम्बं वशतु जनानां, कुशयतु दुरितानि भक्तिमताम् ।।६।। ॐ हाँ ही हूँ है हौ हूँ: परमार्हते परमेश्वराय गन्धपुष्पादि-संमिश्र-प्रियंग्वादि औषधि-विष्णुक्रान्तादि-मूलिकाचूर्णसंयुतेन जलेन स्नपयामि स्वाहा । उपर दिये गये श्लोक बोलकर थाली बजाकर, गीत-वाजिंत्रके नाद पूर्वक कलशो से बीब के उपर अभिषेक कीजिये, अंग लूछणा कीजिये । ___नीचे दिया गया मंत्र बोलकर एक डंका बजाकर पूजा कीजिये। ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते पृथिवि पृथु पृथु गन्धं गृहाण गृहाण स्वाहा । नीचे दिया गया मंत्र बोलकर एक डंका बजाकर पुष्पपूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते महाभूते मेदिनि । पुरु पुरु पुष्पवति पुष्पं गृहाण गृहाण स्वाहा । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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