Book Title: Acharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Author(s): Kiran Srivastav
Publisher: Ilahabad University
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भारतवर्ष के नौ भेद :
(क) इन्द्रद्वीप :- भारत के पूर्व में स्थित वर्तमान बर्माद्वीप। यह कभी भारत का अङ्ग था। (ख) कसेरुमान् :- वर्तमान सिंगापुर।
(ग) ताम्रपर्ण :- यह सीलोन का प्रदेश है। ताम्रपर्णी मद्रास राज्य के तिन्नैवेल्ली जिले की एक नदी का नाम है (भारतीय इतिहास कोश - सच्चिदानन्द भट्टाचार्य – पृष्ठ - 187) । अत: डा० बी०एन० पुरी ताम्रपर्णी नदी द्वारा सिंचित, मद्रास राज्य के तिन्नैवेल्ली जिले के भूखण्ड को ताम्रपर्ण मानते हैं।
(घ) गभस्तिमान् :- भारत के दक्षिण-पश्चिम प्रदेश का एक भाग।
(ङ) नागद्वीप:- पश्चिमी भारत में है।
(च) सौम्य:- इसकी स्थिति भारत के दक्षिण-पश्चिम की ओर है।
(छ) गन्धर्वद्वीप :- काबुल, गान्धार आदि देश गन्धर्वद्वीप हैं।
(ज) वरुणद्वीप:- वरुणद्वीप की पहचान वर्तमान बोर्नियो से की गई है।
(झ) कुमारीद्वीप :- यह हिमालय से कन्याकुमारी अन्तरीप तक फैला हुआ विस्तृत भूभाग है। पूर्व में चीन का कुछ भाग (आसाम की ओर) तथा पश्चिम-उत्तर में फारस, अफगानिस्तान आदि कुमारीद्वीप के ही जनपद थे। (इन द्वीपों की वर्तमान स्थिति 'काव्यमीमांसा' परिशिष्ट भाग-2 से ज्ञात की गई है)।
इन नौ द्वीपों का पाँच सौ भाग जल तथा पाँच भाग स्थल है। प्रत्येक ,द्वीप की सीमा एक सहस्त्र योजन है । ये दक्षिण समुद्र से हिमालय तक फैले हुए हैं तथा परस्पर अगम्य हैं। भारतवर्ष के सभी द्वीपों पर जो विजय प्राप्त करता है वह सम्राट् कहलाता है। भारतवर्ष के इन नौ द्वीपों में वर्तमान लंका, सीलोन, मलाया, जावा, सुमात्रा, बर्मा, चीन और तुर्किस्तान का भाग आदि सम्मिलित थे।
1 पञ्चशतानि जलं, पञ्च स्थलमिति विभागेन प्रत्येकं योजनसहस्त्रावधयो दक्षिणात्समुद्रादद्रिराजम् हिमवन्तं यावत्परस्परमगम्यास्ते। तान्येतानि यो जयति स सम्राडित्युच्यते।
(काव्यमीमांसा - सप्तदश अपाय)