Book Title: Acharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Author(s): Kiran Srivastav
Publisher: Ilahabad University
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हिडिम्बा :- यह विन्ध्य से निकलने वाली चर्मण्वती या चम्बल नदी प्रतीत होती है। यह
पश्चिम भारत में बहती हुई इटावा के पास एकचक्रा में यमुना से मिलती है।
उत्तरापथ
पृथूदक से आगे उत्तरापथ स्थित है। 'काव्यमीमांसा' में उत्तरापथ के शक, केकय, वोक्काण हूण, बाणायुज, काम्बोज, बाह्रीक, बलव, लिम्पाक, कुलूत, कीर, तंगण, तुषार, तुरुष्क, बर्बर, हरहूरव, हुहुक, सहुड, हंसमार्ग, रमठ, करकण्ठ इत्यादि जनपदों, हिमालय, कलिंद, इन्द्रकील, चन्द्राचल आदि पर्वतों, गङ्गा, सिन्धु सरस्वती, शतद्रु, चन्द्रभागा, यमुना, इरावती, वितस्ता, विपाशा, कुहू, देविका आदि नदियों का नामोल्लेख है। उत्तरापथ में सरल, देवदारु, द्राक्षा, कुङ्कुम, चमर, अजिन, सौवीर, स्रोतोञ्जन, सैन्धव, वैदूर्य आदि वस्तुएँ प्राप्त होती हैं। उत्तरापथ के जनपदों, पर्वतों, और नदियों के आधुनिक नाम :
शक :- शक लोगों ने भारत में प्रवेश कर सर्वप्रथम जहाँ अपना स्थाना बनाया उसे शकस्थान कहते हैं। यह पंजाब का प्रसिद्ध नगर स्यालकोट है।
केकय :- पंजाब के व्यास और सतलज के मध्य का भाग केकय कहा जाता है। यह सिन्ध देश
की सीमा से मिलता है।
वोक्काण:- यह हिन्दुकुश पर्वत का बदख्शान नगर है।
हूण :- उत्तरी भारत का एक जनपद।
बाणायुज :- यह अरब देश है।
काम्बोज :- अफगानिस्तान या उसके आस-पास का उत्तरी भाग। वास्तव में यह पामीर देश
बाहीक:- वर्तमान बलख बालीक था।
बह्नव या बाह्नवेय :- मुल्तान के समीप का भाटिया नामक स्थान ।
लिम्पाक :- वर्तमान ‘लमगान' नामक नगर है। यह पेशावर और काबुल के बीच जलालाबाद (नगरहार) से उत्तर पश्चिम की ओर पड़ता है।