Book Title: Acharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Author(s): Kiran Srivastav
Publisher: Ilahabad University
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दक्षिणापथ के पर्वत और नदियों के आधुनिक नाम :
महेन्द्र :- महानदी और गोदावरी के मध्य का पूर्वी घाट महेन्द्रमाला से व्याप्त है।
मलय :- मैसूर से ट्रावनकोर तक, कावेरी के दक्षिण तक फैली हुई पर्वतमाला।
मेकल :- विन्ध्य पर्वतश्रेणी का एक भाग, जिसे अमरकंटक कहते हैं।
पालमञ्जर :- दक्षिणापथ के पर्वत।
सह्य :- पश्चिमी घाट में स्थित दक्षिण भारत का पर्वत। उसके दक्षिण की ओर कावेरी और
उत्तर की ओर गोदावरी बहती है।
श्रीपर्वत :- श्रीशैल भारत का विख्यात तीर्थ । द्वादश ज्योतिर्लिङ्गों में एक मल्लिकार्जुन शिव का मन्दिर। कुरुनुल नगर के समीप है।
नर्मदा :- यह नदी विन्ध्य पर्वत श्रेणी के अमरकंटक शिखर से निकलकर भरुकच्छ (भड़ोच) के पास अरब समुद्र में मिलती है।
ताप्ती:- ऋक्षपर्वत की सतपुड़ा श्रेणी से निकलकर सूरत नगर के पास समुद्र में गिरती है।
पयोष्णी :- ताप्ती की सहायक, आजकल की पूर्णा नदी।
गोदावरी :- सह्य पर्वत (पश्चिमी घाट) के पूर्व शिखर त्र्यम्बकेश्वर नामक स्थान के पास
ब्रह्मगिरि पर्वत से निकलती है। राजमहेन्द्री के पास पूर्वसमुद्र में गिरती है।
कावेरी :- कुर्ग जिले के ब्रह्मगिरि पर्वत के चन्द्रतीर्थ से निकलती है। यह हिन्द महासागर में
गिरती है।
भैमरथी :- जहाँ भीमा का कृष्णा के साथ संगम होता है, वहाँ उसका नाम भैमरथी हो जाता है।
वेणा:- यह सह्य पर्वत से निकलती है।