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________________ [288] दक्षिणापथ के पर्वत और नदियों के आधुनिक नाम : महेन्द्र :- महानदी और गोदावरी के मध्य का पूर्वी घाट महेन्द्रमाला से व्याप्त है। मलय :- मैसूर से ट्रावनकोर तक, कावेरी के दक्षिण तक फैली हुई पर्वतमाला। मेकल :- विन्ध्य पर्वतश्रेणी का एक भाग, जिसे अमरकंटक कहते हैं। पालमञ्जर :- दक्षिणापथ के पर्वत। सह्य :- पश्चिमी घाट में स्थित दक्षिण भारत का पर्वत। उसके दक्षिण की ओर कावेरी और उत्तर की ओर गोदावरी बहती है। श्रीपर्वत :- श्रीशैल भारत का विख्यात तीर्थ । द्वादश ज्योतिर्लिङ्गों में एक मल्लिकार्जुन शिव का मन्दिर। कुरुनुल नगर के समीप है। नर्मदा :- यह नदी विन्ध्य पर्वत श्रेणी के अमरकंटक शिखर से निकलकर भरुकच्छ (भड़ोच) के पास अरब समुद्र में मिलती है। ताप्ती:- ऋक्षपर्वत की सतपुड़ा श्रेणी से निकलकर सूरत नगर के पास समुद्र में गिरती है। पयोष्णी :- ताप्ती की सहायक, आजकल की पूर्णा नदी। गोदावरी :- सह्य पर्वत (पश्चिमी घाट) के पूर्व शिखर त्र्यम्बकेश्वर नामक स्थान के पास ब्रह्मगिरि पर्वत से निकलती है। राजमहेन्द्री के पास पूर्वसमुद्र में गिरती है। कावेरी :- कुर्ग जिले के ब्रह्मगिरि पर्वत के चन्द्रतीर्थ से निकलती है। यह हिन्द महासागर में गिरती है। भैमरथी :- जहाँ भीमा का कृष्णा के साथ संगम होता है, वहाँ उसका नाम भैमरथी हो जाता है। वेणा:- यह सह्य पर्वत से निकलती है।
SR No.010645
Book TitleAcharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Srivastav
PublisherIlahabad University
Publication Year1998
Total Pages339
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
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