Book Title: Abuwale Yogiraj ki Jivan Saurabh Author(s): Chandanmal Nagori Publisher: Chandanmal Nagori View full book textPage 7
________________ श्रीमान् बादरमलजी समदडिया नागौर निवासी का संक्षिप्त जीवन चरित्र मरुधर में नागौर प्राचीन नगर है, इस नगर में महान् तेजस्वी जैनाचार्यों का पदार्पण कई बार हुवा है, इस नगर के नाम से नागोरी तपागच्छ शाखा भी प्रसिद्धि में आई थी। शास्त्रों के लिखने वाले यहाँ बहुतायत से थे और अल्प संख्या में इस समय भी हैं, नागौर संघ की ओर से चातुर्मास कराने के लिए विनंतियाँ लिखी जाती थी। वह विशेषण, अलंकार सहित दीर्घ लेख बद्ध होती थी, जिनका संग्रह इस समय भी बड़ौदा स्टेट के प्राच्य भवन पुरातत्त्व विभाग में सुरक्षित है। कई भाईयों ने यहाँ दीक्षा ग्रहण की और नगर व देश के नाम को दिपाया था, दीक्षार्थी तो पुण्य भूमि में ही होते हैं, दीक्षा का अपूर्व साधन पुन्यवान के उदय में आता है, नल राजा के भाई कूबर को मालूम हो गया था कि मेरा आयुष्य केवल पांच दिन का ही है, जानकर तत्काल दीक्षा ले ली और सिख पद पाया। इसी तरह हरिवाहन राजा को नौ दिन का आयुष्य विदित होते ही दीक्षा ली और सर्वार्थ सिद्धि विमान में उत्पन्न हुए। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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