Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 02
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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सुकृत सहयोगी
श्रुतज्ञानप्रेमी श्रेष्ठिवर्य
श्रीमान् बुद्धसिंहजी पुखराजजी कर्नावट
परम गुरुभक्त, धर्मानुरागी श्रेष्ठिवर्य श्रावकरत्न मदनगंज- किशनगढ़ निवासी पुखराजजी कर्नावट धर्म एवं समाज की सेवा में अनुपम रूचि रखते हैं । उनकी श्रद्धा-भक्ति प्रशंसनीय हैं। वे शुभ कार्यों में लक्ष्मी का सदुपयोग करते रहते हैं ।
श्रुतज्ञान के प्रति उनका यह अनुराग अनुमोदनीय है । वे स्वयं सात्त्विक जीवन युक्त हैं । उनकी मान्यता है कि सुसंस्कृत जीवन ही मनुष्य भव की सार्थकता है । वे केवल धर्म कार्यों में ही रुचि नहीं लेते, अपितु समय-समय पर तन-मन-धन को भी अर्पण करते रहते हैं ।
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वे 'अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस' (द्वितीय खण्ड) का प्रकाशन भी करवा रहे हैं। उनकी इस शुभ भावना के लिए सरल स्वभाविनी वात्सल्यमूर्ति परम पूज्या साध्वीरत्ना श्री महाप्रभाश्रीजी म. सा. (पू. दादाजी म. सा.) आशीष देती हैं तथा हम उनको धन्यवाद देती हैं । वे भविष्य में भी ऐसे सुकृत कार्यों में सदा योगदान देते रहेंगे, यही हमें आशा हैं ।
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डो. प्रियदर्शनाश्री डो. सुदर्शनाश्री
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-2 • 18