Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 02
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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समकारक
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चेतना-शक्ति जराभिशाप जरा-मरण जिणवाणी-सार जीवन-प्रिय जीवन कामना ढलती आयु में मूढ़ । तबतक गुरु सेवा तप का फल तीन अदृश्य तुर्यावस्था में क्या करेगा? दह्यमान संसार दारूण-भ्रान्ति देव के लिए भी असंभव दोहरी मूर्खता
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द्रुतगामी
द्विविध बन्धन धर्म निवास
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धर्म
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धर्मोपदेश - पद्धति धर्मवीर धर्म का लक्षण धन की खोज में प्रमत्त पुरुष धर्म धुरा धन से रक्षा नहीं धर्म ही रक्षक धिक्-धिक जरा धीर का धैर्य धीरे चलो नारी-रक्षा नारी-पंक नारी नेह दुस्तर निर्भय साधक
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अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-2 . 146
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