Book Title: Abhidhan Chintamani Kosh
Author(s): Vijaykastursuri
Publisher: Vijay Nemi Vigyan Kastursuri Gyanmandir
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शब्दः
धैवत
धोरण
"
धोरणी
धोरित
धौत
धौतकौशेय
धौरितक
धौरेय
धौरेयक
धौर्य
ध्यान
13
ध्यानयोगासन
ध्रुव
ध्रुव
"
(9)
ध्रुवक
ध्रुवा
ध्वंसिन्
ध्वज
श्लोकाङ्कः
१४०१
७५९
१२४६
१४२३
१२४६
१४३७
६६७
१२४६
१२६२
१४६२
१२४६.
८४
३२०
८३८
१२२
२१२
१४५३
१५२२
११२२
८२९
१०- प.
६-प.
७५०
९०१
ध्वजप्रहरण ११०७ - शे.
ध्वजिन्
९०१
शब्दानुक्रमणिका
शब्दः
ध्वजिनी
ध्वनि
ध्वनिग्रह
ध्वनिविकार
( ध्वस्त)
69
ध्वा बूक्ष
ध्वान
ध्वान्त
ध्वान्तचित्र
ध्वान्तराति
न
नःक्षुद्र
नकुल
नकुला
नक्तन्
नक्तत्
(,,)
नक्तमाल
नक्ता
नक्र
नक्र
नक्षत्र
""
•
न
श्लोकाः
७४६
१३९९
५७३
१४१०
२६६
१४९१
१३२२
१३९९
१४६
१२१३ - शे.
९६
१५३९
४५१
१३०२
७१० - शे.
२०५ - शे.
६७६
१५३३
१४३
११४०
१४३ - शे.
५८१
१३४९
१०१
शब्दः
श्लोकाङ्कः
नक्षत्रमाला
६६२
नक्षत्रवर्त्मन् १६३ - शे.
१६३
१०४
५९४
५९४
१२८४
१३१३
१३२५ - शे.
६३१ - शे.
१०२७
१११४
९८२
(,,)
(नक्षत्रेश)
नख
नखर
नखरायुध
नखविष
नखायुध
नखारु
नग
"
नगरद्वार कूट
नगरी
नगावास
'नगौकस्'
नग्न
नग्नहु
नग्नहू
नग्ना
नग्निका
(",)
नट
नटन
९२ नटमण्डन
१.७
नटीसुत
९७१
१३२० - शे.
१३१७
७९५
९०५
९०४
५३४
५१०
५३४
३२९
२८०
१०५९
५४५

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