Book Title: Abhidhan Chintamani Kosh
Author(s): Vijaykastursuri
Publisher: Vijay Nemi Vigyan Kastursuri Gyanmandir

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Page 778
________________ शब्दः हरि मत् हरिमन्थक हरिमन्थज हरिय (हरिवर्ष) हरिश्चन्द्र हरिषेण हरिसुत हरीतकी हरेणु हर्यक्ष "" हर्यश्व हर्ष हर्षमाण हल (हलबोट्ट) हला हलाह हलाहल "" हलि हलिन् " हलिप्रिय श्लोकाङ्कः १७४ - शे. ११७० ११७३ १२३८ ९४६ हव ७०१ हवन ६९४ हवित्री ६९४ हविरशन हविर्गेह हविष् ११४६ ११७१ ९९३ १२८४ १९० - शि. १७.२ ३१५ ४३५ ८९१ १२६० ३३४ १२४३ ११९५ १२९८ ८९० २२४ ८९० ११३८ शब्दानुक्रमणिका शब्दः हलिप्रिया हल्य हल्लक हल्लीसक " 39. हविष्य हव्य हव्यपाक ( हव्यभुज) हव्यवाह हव्याशन हस हसन " हंसनी हसन्तिका हसि 56 हस्त श्लोकाङ्कः ९०२ ९६८ ११६४ २८१ २६१ ११०० - शे. ८३३ १०९७ ९९६ ४०७ ८३१ १.१०० - शे. ४०७ ८३२ ८३३ १०९७ १०९९ १०९७ २९६ २९६ २९८ १०२० १०२० शब्दः "" "" "" در हस्तधारण हस्तबन्ध हस्तबिम्ब हस्तलेप हस्तसूत्र ( हस्तस्थापन ) हस्तिदन्त हस्तिन् हस्तिनख हस्तिनापुर हस्तिनासा ( हस्तिनी) हस्तिनीपुर हस्तिपक हस्तिमल " हस्तिशाल (हस्तिषङ्गव) हत्यारोह २९७ हाटक ११२९ (हानि) ११२ हायन २२१ श्लोकाङ्कः ५९१ ५९९ ८८७ १२२४ १५०२ ५१८ - शे. ६४९ ५१८ - शे. ६६३ १५०२ ११९० १२१७ ९८२. ९७८ १२२४ १२१८ ९७८ ७६२ १७७ २०७ - शे. ९७८ १४२४ ७६२. १०४३ १५२४ १५९

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