Book Title: Abhidhan Chintamani Kosh
Author(s): Vijaykastursuri
Publisher: Vijay Nemi Vigyan Kastursuri Gyanmandir

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Page 760
________________ शब्दः सद्यस् ". सबस्क १४४८ सधर्मचारिणी ५१३ - शि. १४६१ ५१२ ५२९ ४४४ २१३ - शे. १५३१ - शि. ६९३ ९३ १५३१ १५३१ - शि. सधर्मन् सर्मिणी सधीची सध्याच् सनत् "" वनकुमार सनत्कुमारज धना धनात् नातन ر नाभि (सनिष्ठेष मीड अन्तत इन्तति " इन्तप्त न्तमस श्लोकाङ्कः १५३२ १५४२- शे. इन्तान २१६ १४५२ ५६२ ३८८ २६७ १४५० १४७१ ५४३ - शे. ५०३ - शि. १४९३ १४६ १७९ शब्दानुक्रमणिका शब्दः ܕܕ " सन्ताप सन्तापित सन्तोष "" सन्दर्भ सन्दश सन्दान सन्दानित सन्दा निनो सन्दाव सन्देशवाच् सन्देशहारक खन्देह सन्दोह सन्द्राव सन्धा सन्धानी सन्धि " श्लोकाङ्कः ५०३ ५४३. शे. ११०२ १४९३ ८२ ३०८ ६५३ ९०९ १२७४ ८०३ २६७ ९९६ ७३५ ९८५ - शि. सन्धिजीवक ४७५ सन्धिनी १२६७ सन्धिबन्धन ६३१ - शे. सन्धिला ९८५ सन्ध्या १४० २०३ शब्दः श्लोकाङ्कः सन्ध्यानाटिन् २०० - शे. १८८ - शे.. ११४२. ७६५. ७६६ १२२२. १४५०. १४५१ १४५० १४५१ः १४६१ १५१६ सन्ध्याबल 'सन्नकदु' सन्नद्ध सन्नाह सन्नाह्य सन्निकर्ष ४३९ ९९९ ८०२ २७६ ७३४ १३७५ सपदि १४११ '","' सन्निकृष्ट सन्निधान सन्निधि सन्निभ सन्निवेश सपत्न सपत्राकृति पर्या सपिण्ड सपीति सप्तकी (सप्तच्छद) सप्तजिह्व सप्ततन्तु सप्तपलाश सप्तपर्ण सप्तर्षि ७२९. १३७२ १५३२ १५३० ४४७. ५६२ ९०७. ६६४ १६ - प.. १०९९. ८२० १६- प. ११३३: १२४

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