Book Title: Vasudev Chupai
Author(s): Rasila Kadia
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 11
________________ July-2004 61 बीजउ गर्भ धरइ धारणी, इच्छा थाइ धर्मह तणी अहनिसि दान दिउ सुविचार, शुभ वेलां सुत जायउ सार ॥५०॥ अयमतउ तसु दी● नाम, वाधइ रूपकला अभिराम परणावि उचत्त आचार, अहनिसि निरखइ धर्मविचार ॥५१॥ __ वस्तु नयर मथुरा नयर मथुरा, राय उग्रसेन, पटराणी गुणधारणी तास उअरि अरि तापस उप्पनह, पुत्रजन्म की(क)सा तणी पेई भरी कंचण सुवन्नह, प्रवाहि वहिउं ते गयु, मूकिउ यमुना ठामि बीजउ सुत हिव जाइइ, तस अयमतउ नाम ॥५२॥ चउपइ पेई वहती यमुना तीरि, पहुती सोरीपुरनइ तीरि नदी कंठि बइठउ व्यवहारि, पेई दीठी अतिहि उदार ॥५३।। घरि आणी उघडाइ जिसइ, उत्तम बालक दीठउं तिसइ ए निश्चवइ राजानुं अंश, चीठी वाची जाणिउ वंश ॥५४॥ सुभद्र सेठि धरि वाधइ बाल अठमि ससिहर दीपइ भाल मानस सरवरि जिम रायहंस, नाम तेहनउ दीधउ कंस ॥५५॥ आठ वरस वउलिया तस जाम, शास्त्र शा(शास्त्र भणी अभिराम बुधि आगलउ अति बलवंत, बाहरि जाइ रामति करंत ५६|| पांच सात बालक तिहां मिलइ, रमतां माहोमाहइ भिलइ कूड रमीनइ आणइ डंस, तु कूटइ बालनइ कंस ||५७॥ ते बालक रोतु घरि जाइ, कंसइ कूटिऊ इम कहइ माइ सुभद्र सेठि करइ घरबारि, ऊलंभा दिइं आवी नारि ॥५८॥ पुत्र आपणउं राखु तम्हे, एहवं सांसहिस्युं नहीं अम्हे पुत्र पीआरा मारी जाइ, नगर माहि स्यु थइ छइ राय ॥५९।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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