Book Title: Vasudev Chupai
Author(s): Rasila Kadia
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 25
________________ July-2004 75 महाविमान अपराजित नामि भवि आठमइ दोइ तिणि ठामि हिव सोरीपुर गामि ॥१९४॥ समुद्रविजय राजा पटराणी शिवादेवि नामि सहिनाणी रयणि सपन लहेति ॥१९५॥ चउद सुपन महिमा अणुसरीउ शिवादेवी कूखइ अवतरीउ ते सुर तिजी विमान ॥१९६।। शुभ वेलां सुत हूउ जनम दिशिकुमरी विरचइ शुचिकर्म जनम महोत्सव इंद ॥१९७।। स्वामि नेमिनाथ सुविचक्षण बहुत्तरि कला बत्रीसइ लक्षण यौवनवइ अणसरीउ ॥१९८|| नेमिसर त्रिभुवन मनमोहन मेघवन्न कांति अति सोहइ लहूउ लील विलास ॥१९९।। वस्तु नेमिनाथह नेमिनाथह, जनम सुविचार मथुरा नगरी सांभळी हीआ हरखी कीजइ महोत्सव कंस देवकी धरि आविउ, छिन नाक दीठी सुता हिव गर्भ सातमउं सांभरिउं, असत्य वयण मुनि सोइ घरि आविउ शंका धरइ, निमित्तअ पूछइ ।।२००॥ ज्ञानि मुनिवर इम पभणेइ, अरिट्ठअश्व दुर्दत वृष मल्ल बेउ चाणुर मुट्ठीय एतां हणी वडाविसिइ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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