Book Title: Vasudev Chupai
Author(s): Rasila Kadia
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 14
________________ 64 इम सुणी वसुदेवकुमार, कंस साथि लेइ परिवार सीमाहडउ साथइ चालीउ, राजगृह नयरी आवीउ ॥८२॥ जरासिंधनइ कीथ प्रणाम, प्रतिवासुदेव बोलावइ ताम सीमाहडउ आणीउ कणइ, कंसतणउं बल वसुदेव भाइ ॥८३॥ जरासिंध जव जाणिऊ वंश, तु पुत्री परणाविउ कंस . पिता वयरी तिणि मथुरापुरी, करमोचनि मागी वसि करी ||८४|| दूहा कंस पितानइ पाछिलउं वयर वालवा काजि जरासिंध बइसारीउ, मथुरानगरि राजि उग्रसेन कठपंजरइ, कंसइ घालिउ राय पूर्व नियाणउं जे कीउ, ते निष्फल किम थाइ ? ॥८५॥ धारणिमाता इम भणइ, तुझ पिता नहीं दोस सघलां वानां मइ कीआं, तु मझनइ करि रोस ||८६ ॥ अनुसंधान - २८ मातवचन मानइ हीइं, कंस पिता दुःख देइ अइमतु हिव पिता दुखि, वइरागउ व्रत लेउ (इ) ॥८७॥ चारित्र पालइ निरमलउं न्यान उपन्नउ सार तव संयम आराधउं, वसुहा करइ विहार ॥८८॥ कटकसहित हिव आविउ, सोरिपुरि वसुदेव राजरिद्धि लीलां करइ, जिम दोगंदुक देव ॥८९॥ वस्तु मगधदेसह मगधदेसह तणउ भूपाल, जरासिंधु आदेशथी कंस सहित वसुदेवकुमार, सीमाहडउ बांधी बिन्ह ते पहूत - जीवजस्या परणी करी, कंस करइ निय काज पिता वयरी मागी लिउ, मथुरानगरी राज ॥९०॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only राजगृह नयरि www.jainelibrary.org

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