Book Title: Tulsi Prajna 2008 04
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 61
________________ 18 7, 203, 247 18. भगवती 8 / 2 से 39 तत्त्वार्थाधिगम 8/3 वृत्ति. 128 19. 20. भगवती 8 / 42 21. भगवती वृत्ति., पत्र. 395 22. भगवती वृत्ति. पत्र. 395 23. प्रज्ञापना पद 13 / 21 से 22 24. प्रज्ञापना पद 13 / 21 से 22 तथा प्रज्ञापना वृत्ति पत्र, 288 25. उत्तराध्ययन चूर्णि 2.17 26. षटखण्डागम पुस्तक 14 खण्ड 5, भाग 4 से 5, 6, 26 से 27 भगवती टीका पृ. 395 27. 28. तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम, 5 / 16 प्रदेशसंहारविसर्गाभ्यां प्रदीपवत 29. भगवई 25 / 240 से 244 30. भगवती वृत्ति. पत्र. 398 31. भगवती वृत्ति पत्र 398 32. भगवती वृत्ति. पत्र 398 33. षटखण्डागम पुस्तक 14 से 5, 6, 63 34. तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम 2 / 9 का भाष्य पृ. 151, 154 35. तत्त्वार्थराजवार्तिक 5/24 की व. 36. भगवती वृत्ति. पत्र. 398 37. गटखण्डागम पुस्तक 14, 5.6.41, पृ. 38 38. तत्त्वार्थराजवार्तिक 5/24 की वृत्ति. 486 से 488 39. क. भगवती वृत्ति पत्र 388, ख. षटखण्डागम पुस्तक 14, 5.6.48, पृ.41 40. भगवती वृत्ति. पत्र. 399 41. षटखण्डागम पुस्तक 14, 5.6.44, 625, पृ.. 41 से 45 42. तत्त्वार्थराजवार्तिक 5/24 की वृत्ति. पृ. 488 43. भगवती वृत्ति. पत्र. 399 44. भगवती वृत्ति पत्र. 399 45. द्रष्टव्य वृत्ति. पत्र. 5 / 110 का भाष्य 46. भगवती व. पृ. 400 47. षटखण्डागम पुस्तक 14, 5.6.40, पृ. 37 48. द्रष्टव्य, भगवती 8/376 49. भगवती वृत्ति पत्र. 400 B तुलसी प्रज्ञा अप्रेल-जून, 2008 Jain Education International For Private & Personal Use Only 55 www.jainelibrary.org

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