________________
प्रकीर्णकम्
१. बीस विहरमाण
-मुनि गुलाबचन्द्र निर्मोही २. किं नाग्न्य-परीषहः ?
प्रस्तो०-परमेश्वर सोलंकी ३. जैन-बौद्ध संघों में प्रवज्या-ग्रहण के हेतु
-निर्मला चोरडिया ४. बन्यो भवेत् स कालूरामः
प्रस्तो०-परमेश्वर सोलंकी ५. गणित-प्रतिभा के धनी-मुनिश्री हनुमानमलजी (सरदारशहर)
-मुनिश्री श्रीचन्द 'कमल'
खण्ड २२,क ४
तुलसी प्रज्ञा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org