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118 : तत्त्वार्थ सूत्र : व्रत और भावनाएं
१०. पोषधोपवासव्रत - • अप्रत्यवेक्षिताऽप्रमार्जितोत्सगीदाननिक्षेपसंस्तारोपक्रम
णाऽनादरस्मृत्यनुपस्थापनानि ।।२९।।
द्वितीय शिक्षाव्रत - पोषधोपवास-व्रत के पाँच अतिचार हैं -
अप्रत्यवेक्षित और अप्रमार्जित जगह में उत्सर्ग, अप्रत्यवेक्षित और अप्रमार्जित जगह में आदान-निक्षेप, अप्रत्यवेक्षित और अप्रमार्जित संस्तार का उपक्रम, अनादर तथा स्मृतिअनुस्थापन - पोषधोपवास की स्मृति न रहना। (२६)
११. भोगोपभोगव्रत - सचित्तसंबद्धसंमिश्राभिषवदुष्पक्वाहारा: ।।३०।।
तृतीय शिक्षाव्रत - भागोपभोगव्रत के पाँच अतिचार हैं - सचित्ताहार,
सचित्तसंबद्धाहार, सचित्तसंमिश्रिताहार, अभिषवाहार तथा दुष्पक्वाहार। (३०)
१२. अतिथिसंविभागवत - • चित्तनिक्षेपपिधानपरव्यपदेशमात्सर्यकालातिक्रमा: । (३१ ।
चतुर्थ शिक्षाव्रत - अतिथिसंविभागवत के पाँच अतिचार हैं -
सचित्तनिक्ष्प, सचित्तपिधान, परव्यपदेश, मात्सर्य तथा कालातिक्रम। (३१)
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