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116 : तत्त्वार्थ सूत्र व्रत और भावनाएँ
७. देशविरतिव्रत
• आनयनप्रेष्यप्रयोगशब्दरूपानुपातपुद्गलक्षेपा: २६
द्वितीय गुणवत
देशविरति या देशावकाशिक-व्रत के पाँच अतिचार हैं आनयनप्रयोग, प्रेष्यप्रयोग, शब्दानुपात, रूपानुपात तथा पुद्गलप्रक्षेप । (२६)
८. अनर्थदण्ड विरमणव्रत
• कन्दर्प कौत्कुच्यमौ खर्याऽसमीक्ष्याधिकरणोपभोगाधिकत्वानि ।। २७।। अनर्थदण्डविरति व्रत के पाँच अतिचार हैं। कन्दर्प, कौत्कुच्य, मौखर्य, असमीक्ष्याधिकरण तथा उपभोगाधिकत्व । (२७)
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तृतीय गुणव्रत
६. सामायिकव्रत
•
योगदुष्प्रणिधानाऽनादरस्मृत्यनुपस्थापनानि ।। २८ ।।
योग (मनः,
प्रथम शिक्षाव्रत सामायिकव्रत के पाँच अतिचार हैं काय व वचन) दुष्प्रणिधान, अनादर तथा स्मृति- अनुस्थापन सामायिक की स्मृति न रहना । ( २८ )
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