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वैक्रियक (वेउव्व) - परदार का भेद २-१६
(वेगुध्विय) - काय का भेद १२-२० वैजयन्त (वइजयंत) - दूसरा अनुत्तर विमान १-२५ वैश्वानल (वइसाणल) - चौथा रुद्र १-५५ व्यजन (वीजण) - मुनि के लिये वयं ४-२ व्यवहार (ववहार) - नयाविशेष १४-१८ दो प्रकार का १५-३१; व्यवहार काल (कालो वव हार) ९-१४ व्यवहार जीव (ववहार जीव) - ९-३ व्यवहार सत्य (ववहार)- १२-१५ व्यसन (विसण) - सात २-८ व्रत (वय)- दूसरी प्रतिमा ३-२
- भाव संवर का भेद ९-२८
शकराज (सगराज) -- राज्य काल ४२ वर्ष १-६९
- वीर निर्वाण से ४६१ वर्ष पश्चात् उत्पत्ति अथवा १-६७,६९
- ६०५ वर्ष ५ मास पश्चात् १-६८ शंका (संका)- सम्यक्त्व का दोष ३-४ शतभिषा (सदभिस) - नक्षत्र १-१८ शतार (सदर) - ११ वाँ स्वर्ग १-२२ शब्द (सद्द) - पुद्गल पर्याय ९-११ (सद्द)- इन्द्रिय विषय १२-५
- नय १५-३५ शय्या-परीषह ८-२२, २३ शय्याकर पिंड (सेजायर पिंड) - मुनि के लिए वयं ४-५ शर्कराप्रभा (सक्करपहा) - दूसरा नरक १-८ शलाका पुरुष (सलाय पुरिस) - भरत क्षेत्र के ६३ महापुरुष. २४ तार्थकर
१२ चक्रवर्ती ९ बलदेव ९ हरि या विष्णु
९ प्रतिशत्रु या प्रतिनारायण १-४५-४६ शान्ति (सन्ति)- १६ वें तीर्थकर १-४८; ५ वें चक्रवर्ती १-५० शिक्षा (सिक्खा) - संज्ञी जीवों द्वारा ग्रहण योग्य १२--६२
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