Book Title: Sramana 1990 07
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 65
________________ ९-वि० सं० १५०५ माघ वदि ९ शनिवार जिनालय में मूलनायक महावीरस्वामी की पालथी के ऊपर सम्मुख भाग में उत्कीर्ण लेख जिसमें ज्ञानकीय ( नाणकीय ) गच्छ के आचार्य शांतिसरि द्वारा महावीर स्वामी की प्रतिमा प्रतिष्ठापित करने का उल्लेख है। १०-वि० सं० १५०५ माघ वदि ९....... जिनालय में मूलनायक महावीर स्वामी के पालथी के ऊपर दूसरी ओर उत्कीर्ण लेख । ११ १२-वि० सं० १५०६ माघ वदि १० गुरुवार जिनालय में मूलनायक के परिकर की चरणचौकी पर एवं मूल नायक के वायीं ओर कायोत्सर्ग प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख । १३-वि० सं० १५१२ फाल्गुन सुदि ८ शनिवार धर्मनाथ की धातु चौबीसी पर उत्कीर्ण लेख । १४-वि० सं० १५१३ वैशाख सुदि १० गुरुवार पार्श्वनाथ की धातु की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख । १५-वि० सं० १५१५ माघ सुदि १५ संभवनाथ की प्रतिमा का लेख । १६-वि० सं० १५३० माघ वदि ६ संभवनाथ की प्रतिमा का लेख । १७-वि० सं० १५३४ माघ सुदि ९ वासुपज्य की प्रतिमा का लेख। १८-वि० सं० १५७२ वैशाख सुदि ५ सोमवार पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लेख जिसमें संडेरगच्छीय शांतिसूरि द्वारा प्रतिमा प्रतिष्ठापित करने की चर्चा है। १९-वि० सं० १६२२ वैशाख सुदि ३ सोमवार पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लेख। २०-वि० सं० १६२३ वैशाख शुक्रवार शांतिनाथ की प्रतिमा जिसमें तपागच्छीय हरिविजयसूरि द्वारा उक्त प्रतिमा की प्रतिष्ठा की चर्चा है । २१-वि० सं० १६३० वैशाख वदि ८ आदिनाथ की प्रतिमा का लेख । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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