Book Title: Sramana 1990 07
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 91
________________ विद्याश्रम समाचार विगन ३ माह ( जुलाई-अगस्त-सितम्बर ) में पार्श्वनाथ विद्याश्रम की गतिविधियाँ इस प्रकार रहीं---- संस्थान के निदेशक प्रो. सागरमल जैन ने दुर्ग में आयोजित जयमल जयन्ती समारोह के अवसर पर दि० २-९-९० को धर्म एक, पंथ अनेक नामक विषय पर व्याख्यान दिया। इसी प्रकार उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय और पुणे जैन संघ के संयुक्त तत्त्वावधान में पुणे में आयोजित एक संगोष्ठी में दि०१६-९-९० को जैन धर्म का उज्जवल इतिहास नामक विषय पर एक व्याख्यान दिया। दि० २०-९-९० को उन्होंने धुलिया में विचक्षणव्याख्यानमाला के अन्तर्गत स्वाध्याय और साधना पर एक व्याख्यान दिया। पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान द्वारा संचालित रुक्मिणी देवी दीपचन्द्र गार्डी उच्च अध्ययन केन्द्र के अन्तर्गत जैन विद्या के उच्चस्तरीय अध्ययन की एवं स्नातकोत्तर प्रमाणपत्रीयपरीक्षा की कक्षायें प्रारम्भ हो गयी हैं। प्राणपत्रोपाधि पाठ्यक्रम और उच्चअध्ययन पाठ्यक्रम हेतु १०-१० मेधावी छात्रों का चुनाव कर उन्हें प्रवेश दिया गया है। संस्थान में विराजित साधु-साध्वी भी उक्त पाठ्यक्रमों के अध्ययन का लाभ ले रहे हैं । संस्थान में प्रो० एस० बी० देव का व्याख्यान जैन विद्या और पुर। तत्त्व के शीर्षस्थ विद्वान् प्रो. एस. बी. देव का जैन आगमिक व्याख्या साहित्य का महत्त्व नामक विषय पर पावनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान के परिसर में दि. १३-९-९० को एक व्याख्यान आयोजित किया गया । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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