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( ९२ ) अखिल भारतीय दर्शन परिषद् का ३५वां अधिवेशन विद्याश्रम में
अक्टूबर माह में संस्थान में अखिल भारतीय दर्शन परिषद् का ३५वाँ वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया है। इसमें देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के २५० प्रतिनिधियों के आने की संभावना है। अधिवेशन का उद्घाटन महामहिम उपराष्ट्रपति डा० शंकर दयाल शर्मा द्वारा सम्पन्न होगा। इसी अवसर पर अनेकान्तवाद पर एक विशिष्ट संगोष्ठी भी आयोजित की गयी है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा डा० शिवप्रसाद का रिसर्च एसोसिएट के रूप में चयन
पार्श्वनाथ विद्याश्रम के लिए यह गौरव का विषय है कि संस्थान के सह-शोधाधिकारी और श्रमण के सह-सम्पादक डा० शिवप्रसाद का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मध्ययुगीन श्वेताम्बर श्रमणों के गच्छों का ऐतिहासिक अध्ययन नामक विषय पर शोध हेतु रिसर्च एसोसिएट के रूप में चयन किया गया है। उक्त शोधकार्य को पूर्ण करने के लिए संस्थान द्वारा उन्हें ५ वर्षों का अवैतनिक अवकाश प्रदान किया गया है। आशा है वे इस दीर्घ अवधि में मध्ययुगीन श्वेताम्बर जैन संघ का एक सुव्यवस्थित अध्ययन प्रस्तुत करेंगे।
श्री इन्द्रेशचन्द्र सिंह को पीएच० को० की उपाधि पार्श्वनाथ विद्याश्रम के शोध सहायक श्री इन्द्रेशचन्द्र सिह को उनके शोधप्रबन्ध जैन साहित्य में गित प्रचीन भारतीय सैन्यविज्ञान पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा एच. डी. की उपाधि प्रदान की गयी। ज्ञातव्य है कि यह शोधप्रबन्ध प्रो० सागरमल जैन के निर्देशन में पूर्ण किया गया है।
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