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- (सिल
ही महल विधाना) =
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मंडल की रचना के सम्बन्ध में इतना कहदेना ही पर्याप्त है कि इन्दौर में अनेक प्रकार से इसकी रचना हुआ करती है, उनमसे यहांपर स्थानीय मारवाड़ी मन्दिर के अधिकारियों के सौजन्य से प्राप्त रचना हर चित्र के आधार पर एक शिखराकार रचना का ब्लाक तयार कराकर चित्र दिया जारहा है. फिर भी जो सज्जन परिमंडल-गोल आकार में चाहें उन्हे वैसा बना लेना चाहिये और यथाविधि पूजन करना चाहिये ।
_ पूजन की सामग्री में एक व्यक्ति के लिये कम से कम लगभग तीस सर अक्षत और करीब २ उतने ही पुष्प तथा दो हजार चालीस श्रीफल लगते है. दूसरी सामग्री भी इसो अनुमान से समझलेनी चाहिये।
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हम यहापर प्रकाशक महोदय की उस तीव्र पुण्यानुवन्विनी सद्भावना की हार्दिक सराहना करते हैं जिसके कि कारण आजकल कागज की असाधारण महंगाई ही नहीं दुर्मिलता के होते हुए भी यह प्रकाशित हो रहा है। हम आशा करते हैं कि धर्मात्मा भव्य पुरुष इससे यथेष्ट लाभ लेकर प्रकाशक महोदय की भावना को सफल करते हुए अनन्त पुण्य का सचय करेंगे।
खूबचन्द जैन.