Book Title: Shrutsagar Ank 2013 07 030
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ८ जुलाई - २०१३ शिष्यपरंपरा में अथवा तो इनके समीपवर्ती काल में इनकी विद्यमानता का अनुमान लगता है. प्रत परिचय : आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर-कोबा, गांधीनगर अन्तर्गत श्रीदेवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण हस्तप्रत भांडागार में संगृहीत दो प्रतों का आधार लेकर इस कृति का संपादन किया गया है. दोनो ही प्रतें भौतिक रूप से संपूर्ण व सुवाच्य है. इसमें हस्तप्रत क्रमांक - ४४३५५को आधार प्रत के रूप में तथा हस्तप्रत क्रमांक- २८३२७ सहायक प्रत के रूप में उपयोग किया गया है. प्रत क्रमांक ४४३५५में कुल पत्र २ हैं, प्रत पत्र की लंबाई से. मी. २५x१०.५ है. पत्रस्थ प्रत्येक १२ पंक्तिमें ४२ अक्षरों का सुचारु रूपसे आलेखन किया गया है. प्रत के लेखनकार्य से प्रत सं. १८वी की प्रतीत होती है. प्रतमें विशेष पाठ के अंकन हेतु लाल रंग का प्रयोग किया गया है. www.kobatirth.org पाठांतर योग्य प्रत गृहीत क्रमांक २८३२७में कुल पत्र २ हैं, प्रत पत्र की लंबाई २४.५x११ है. पत्रस्थ प्रत्येक पत्र में ११ पंक्तियों में ३६ अक्षरो का आलेखन किया गया है. कृति के अंतमें प्रतिलेखक के द्वारा सं. १६१५ का उल्लेख किया गया है. प्रत की स्थिति श्रेष्ठ हैं, विशेष पाठ पर लाल रंग का उपयोग किया गया हैं. कृति के अंतमें प्रतिलेखक के द्वारा "श्री नलोडापुरमंडन पद्मावती भगवती स्तोत्र" इस प्रकार कृति का नाम दिया गया हैं. प्रत प्रतिलेखन पुष्पिका: ।। पं. विवेकविमल पठनार्थं । । । । भाषाबंध ।। ।। संवत् १६१५ वर्षे ऋ० श्रीकान्हजी ल० ।। = शब्दार्थ - - १. सेव = सेवा, २. अभिराम = सुंदर, ३. भलइ = अच्छा, ४. टीलि = तिलक, ५. पणावली = सर्पफणा, ६. वानि = वर्ण (रंग), ७. कुडल = कुंडल, ८. हीइ : हृदय, ९. चंग = सुंदर, भव्य, १० कांचलडी कंचुकी, ११. पदमिनी = नारी, १२. योति = ज्योति, १३. उद्योत = प्रकाश, १४. घांट घंटा, १५. चुसाल विशाल, १६. नुधारा = आधारहीन, १७. रदय हृदय, १८. खंधार १९. नेटि निश्चय, २० साचावती रावटी, = = सत्यवाली, २१. आई = भाता, २२. ज्ञानवती २५. हितवती Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir = = = = ज्ञानयुक्त, २३. सार = सहाय, २४. भायग = भाग्य, हितवाली ( हित चाहनेवाली), २६. उपगारवती = उपकारिणी ( उपकार करने वाली), २७. भाइगवती = भाग्यवती For Private and Personal Use Only =

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