Book Title: Shraman Mahavira
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 11
________________ २७. क्रान्ति का सिंहनाद १३५ • जातिवाद • साधुत्व : वेश और परिवेश • धर्म और सम्प्रदाय • धर्म और वाममार्ग • साधना-पथ का समन्वय • जनता की भाषा जनता के लिए • करुणा और शाकाहार • यज्ञ : समर्थन या रूपान्तरण • युद्ध और अनाक्रमण • असंग्रह का आन्दोलन २८. विरोधाभास का वातायन १७० २९. सह-अस्तित्व और सापेक्षता १७३ ३०. सतत जागरण १८३ ३१. चक्षुदान १९२ ३२. समता के तीन आयाम १९६ . मैत्री का आयाम • अभय का आयाम • सहिष्णुता का आयाम ३३. मुक्त मानस : मुक्त द्वार २०६ ३४. समन्वय की दिशा का उद्घाटन २१५ ३५. सर्वजन हिताय : सर्वजनसुखाय २१८ ३६. धर्म-परिवर्तन : सम्मत और अनुमत २२४ ३७ यथार्थवादी व्यक्तित्व : अतिशयोक्ति का परिधान २२९ ३८. अलौकिक और लौकिक २३२ ३९. सर्वज्ञता : दो पार्श्व दो कोण २३४ ४०. बौद्ध साहित्य में महावीर २३७ ४१. प्रवृत्ति बाहर में : मानदण्ड भीतर में २४० ४२. पारदर्शी दष्टि : व्यक्त के तल पर अव्यक्त का दर्शन २४५

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