Book Title: Shraman Mahavira
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 10
________________ ९. ध्यान की व्यूह-रचना • निद्रा-विजय • भूख-विजय • स्वाद-विजय १०. ध्यान, आसन और मौन ११. अनुकल उपसर्गों के अंचल में १२. बिम्ब और प्रतिबिम्ब १३. प्रगति के संकेत १.४.. करुणा का अजस्र स्रोत १५. गंगा में नौका-विहार १६. बंधन की मुक्ति : मुक्ति का अनुबंध • भेद-विज्ञान का ध्यान • तन्मूर्तियोग • पुरुषाकार आत्मा का ध्यान १७. कहीं वंदना और कहीं बंदी १८. नारी का बन्ध-विमोचन १९. कैवल्य-लाभ २०. तीर्थ और तीर्थंकर २१. ज्ञान-गंगा का प्रवाह २२. संघ-व्यवस्था • दिनचर्या • वस्त्र • भोजन और विहार • पात्र • अभिवादन • सामुदायिकता • सेवा २३. संघातीत साधना २४. अतीत का सिंहावलोकन २५. तत्कालीन धर्म और धर्मनायक २६. नई स्थापनाएं : नई परम्पराएं ११४ ११९ १२६ १२९

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