Book Title: Shatkhandagama Pustak 01
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 9
________________ चित्र-परिचय १ स्व० सेठ हीराचन्द नेमीचन्द, सोलापूर, जिन्होंने मूडविद्री सिद्धान्त ग्रंथोंकी प्रतिलिपि करानेकी सर्व प्रथम व्यवस्था की। २ स्व० दानवीर सेठ माणिकचन्द हीराचन्द जौहरी बम्बई, जिन्होंने सिद्धान्त ग्रंथोंके उद्धारका सर्व प्रथम प्रयत्न किया। ३ श्रीमन्त सेठ लक्ष्मीचन्द्र सिताबरायजी, भेलसा, संस्थापक जैन साहित्य उद्धारक फंड। ४ श्रीयुत बैरिस्टर जमनाप्रसादजी सब जज, जिन्होंने सेठ लक्ष्मीचन्द्रजीको प्रोत्साहित करके उद्धारक फंडकी स्थापना कराई। ५ श्रीयुक्त सेठ राजमलजी बडजात्या, भेलसा, जिन्होंने उद्धारक फंडद्वारा . सिद्धान्त-ग्रंथोंके प्रकाशनकी प्रेरणा की। ६ स्व० सेठ रावजी सखारामजी दोसी, सोलापुर, जो अभी अभी तक श्री महाधवल सिद्धान्तके उद्धारके लिये प्रयत्नशील थे। ७ श्रीमान् सिंघई पन्नालाल बंसीलालजी, अमरावती, जिन्होंने धवल-जय धवलकी प्रतिलिपियाँ कराकर मँगाई और संशोधन सम्पादन निमित्त संस्थाके सुपुर्द की। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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