Book Title: Shakun Shastra
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 23
________________ वितीयः प्रस्तावः। जनमी पर जो ढोळा जाय तो ते पण अशुननेज सूचवे . जमणी बाजुए जो कोइ स्त्री पोताना गाल पर पोतानो हाथ राखीने उन्लेली अथवा बेठेली मालुम पमे तो ते पण अशुजनेज सूचवे . जमणी बाजुए जो कोइ स्त्री वमन करती थकी जलेली अथवा बेठेली मालुम पमे तोते पण अशुननेज सूचवे जे. जमणी बाजुए थतां शुभ शकुनो. लग्न जोवराववा जती वेळाए घरमांथी बहार नीकळती वेळाए जमणी बाजुए जो कागमानुं टोळु शब्द करतुं शकुं मालुम पमे तो ते शुनने सूचवे . घरमांधी बहार नीकळती वेळाए जमणी बाजुए जो चकलानुं जोड़ें मैथुन सेवतुं मालुम पमे तो ते पण शुननेज सूचवे जे. जमणी बाजुए जो पोपट पदीन जोड़ें पोतानी चांचो वती एक बीजाना मुखमां कंश खावानी वस्तु मेलतुं मालुम पड़े तो ते पण शुननेज सूचवे वे. जमणी बाजुए जो कोश् मयूर पदी पोतानां पीगं जंचां करीने नृत्य करतुं मालुम पड़े तो ते पण शुजनेज सूचवे बे. जमणी बाजुए जो कोश् बाज पदीनुं जोड़ें मैथुन सेवतुं मालुम पमे तो ते पण शुजनेज सूचवे . जमणी बाजुए जो कोगीध पदी पोतानी चांचमां कंश वस्त्रनो ककमो लश्ने उनेलु मालुम पमे तो ते पण शुलनेज सूचवे . वळी ते समये जमणी बाजुए जो कोई बगलुं पोतानी पांखो पहोळी करीने उन्लेलुं मालुम पमे तो ते पण शुलनेज सूचवे . जमणी बाजुए जो कोश् सारस पदी पोतानी चांचमां कमलना पुष्पनो टुकमो लश्ने उन्लेढुं मालुम पमे तो ते पण शुलनेज सूचवे जे. जमणी बाजुए जो Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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