Book Title: Shakun Shastra
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 62
________________ ...शकुनशास्त्रे वाथी कुटुंबनो मरकीना रोगथी नाश थाय . जे जूमि पर दामिमनुं वृक्ष नगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी जळनो जय थाय जे. जे नूमि पर पाटलनुं वृक्ष जगेडं होय तेवी नमि पर घर बांधवाथी पोतानी कीर्तिनी वृद्धि थाय . जे नूमि पर बोरमीन वृक्ष जगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाश्री पोतानां संतानने रोगनी उत्पत्ति थाय . जे जूमि पर खींबुनुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी धननी प्राप्ति थाय बे. जे नूमि पर नागरवसी उगेली होय तेवी भूमि पर घर बांधवाथी धन, संतान तथा कीर्तिनी वृद्धि पाय . जे नूमि पर मायफळनुं वृक्ष नगेलुं होय तेवी जूमि पर घर बांधवाश्री राज्य तरफना नयनी प्राप्ति थाय जे. जे भूमि पर जानी वेलमी उगेली होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी समीनी प्राप्ति थाय जे. जे नूमि पर कचुरानुं वृक्ष नगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाश्री पोतानां संतानोनी कीर्तिनो नाश थाय वे. जे नूमि पर सालमनुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी पोतानां कुटुंबीउने सुख मळे जे. जे जूमि पर सीसमर्नु वृद उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी पोताने घणी चिंता थाय जे. जे भूमि पर आकमानुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबीउने अर्शनो व्याधि थाय वे. जे नूमि पर धत्तुरनुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी जूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबने अहिलपणुं प्राप्त थाय . जे नूमिका पर कमळनां पुष्पो उगतां मालुम पड़े तेवी नूमि पर घर बांधवाश्री लक्ष्मीनी तुरत प्राप्ति थाय जे. जे जूमिका पर कणेरनुं Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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