Book Title: Shakun Shastra
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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शकुनशास्त्रे. श्रावे तेवो हीरो ग्रहण करवाथी पोताने अतिशय लक्ष्मीनी प्राप्ति थाय . जे गोळ हीराना मध्य नागमां लाल रंगनुं मुसखना आकारनुं सूक्ष्म चिह्न जोवामां आवे तेवो हीरो ग्रहण करवाश्री पोताने घणी आपदा सहन करवी पमे जे. जे गोळ हीराना मध्य नागमां श्याम रंगनुं शंखना आकारनुं सूक्ष्म चिह्न मालुम पमे तेवो हीरो ग्रहण करवायी पोतानुं तथा पोताना नुकुंटुबं अत्यंत कट्याण श्राय . जे गोळ हीराना मध्य नागमां लाल रंगनुं कपिंजल नामना पदीना पगना आकारसूक्ष्म चिह्न मालुम पमे तेवो हीरो ग्रहण करवाथी पोतानां संतानो आंखे आंधळां नीपजे जे. जे गोळ हीराना मध्य नागमां श्याम रंगनुं खद्योतना आकार- सूक्ष्म चिह्न मालुम पझे तेवो हीरो ग्रहण करवाथी पोताने अग्निनो नय उपजे जे. जे गोळ हीराना मध्य नागमां श्याम रंगर्नु कमळना पुष्पना श्राकारनुं सूक्ष्म चिह्न मालुम पमे तेवो हीरो ग्रहण करवाश्री पोतानी लक्ष्मीनो नाश थाय बे, पण जे गोळ हीरामां लाल रंगनुं कमळना पुष्पना कारनुं सूक्ष्म चिह्न मालुम पके तेवो हीरो ग्रहण करवाश्री अखूट लक्ष्मीनी पोताने प्राप्ति थाय वे. जे गोळ हीराना बेमा पर कंकणना आकार, सूक्ष्म श्याम रंगर्नु चिह्न मालुम पमे तेवो हीरो ग्रहण करवाश्री पोताना कुटुंबनी स्त्री विषयांध थाय . जे गोळ हीराना बेमा पर पीळा रंगनुं मनुष्यना मुखनी आकृतिनुं सूक्ष्म चिह्न मालुम पके तेवो हीरो ग्रहण करवाश्री पोताना कुटुंबने नूतनो अथवा राह ग्रहनो उपभव पाय जे. जे गोळ हीरानी किनारी पर
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