Book Title: Shakun Shastra
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 32
________________ २० शकुनशास्त्रे " पोताने जो एक ठीक यावे तो ते शुने सूचवे बे. प्रथमज जो कोइ रंका स्त्रीना मुख पर कागमा पर, सावरणी पर, मुसल पर अथवा पगरखां पर पोतानी दृष्टि परे तो ते महा शुजने सूचवे छे. प्रथमज शंख, मयूर, हंस, देककुं, दहींथी नरेलुं पात्र, श्रीफळ, पुष्प, लवण, सूर्य, गाय, हस्ती, ललाटमां कुंकुमना तिलकवाळी सधवा स्त्री, कुमारिका अथवा मत्स्य पर जो पोतानी दृष्टि पके तो ते महा शुजने सूचवे बे. प्रजाते जाग्रत थतांज प्रथम जो शंख अथवा फालरनो शब्द संजळाय तो ते पण शुननेज सूचवे बे. प्रजाते जाग्रत थतांज को लघुनीत ( पेशाब ) करती स्त्री पर पोतानी दृष्टि पके तो ते शुजने सूचवे बे. प्रभाते जाग्रत थतांज अकस्मात् जो प्रथम शेलमी पर पोतानी दृष्टि परे तो जाणवुं के ते दिवसे पोताने राज्य तरफथी द्रव्यनो लाज थशे. जो कोइ पुरुष अथवा स्त्रीना रवानो शब्द संजळाय तो ते शुने सूचवे बे. प्रजाते जाग्रत थतांज जो गायनो शब्द संजळाय अथवा तेना पर प्रथमज पोतानी हमि पके तो ते शुभने सूचवे बे. प्रजाते जाग्रत थतांज पोताना देव गुरुना मुख पर जो पोतानी दृष्टि परे तो ते पण शुजनेज सूचवे बे. प्रजाते जाग्रत थतांज अकस्मात् पोताना गुह्य स्थानक पर जो पोतानी दृष्टि परे तो ते शुने सूचवे d. प्रजाते जाग्रत थतांज लघुनीत (पेशाब) करतां थकां मूत्रश्राव, विष्टाश्राव तथा वीर्यश्राव ए त्रणे एकी वखते जो थाय तो जावं के ब मासनी अंदर पोतानुं मृत्यु थशे. प्रजाते सूर्य या पी मैथुन सेववाथी लक्ष्मीनो नाश थाय बे. प्रजाते सूर्य Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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