Book Title: Sanshay Sab Door Bhaye Author(s): Padmasagarsuri Publisher: Arunoday Foundation View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दो शब्द : जैन दर्शन का मूलभूत तत्त्वज्ञान श्री कल्पसूत्र के 'गणधरवाद' प्रवचन में है। परमात्मा महावीर प्रभुने पूर्ण मनोवैज्ञानिक दृष्टी से अन्य दर्शनोंके विचारधाराओं को अनेकांत के माध्यम से जिस ढंग से समझाया है, वह अपूर्व है। परमात्मा के इस मंगलप्रवचन को सामान्यजन सहज रूप से समझ सकें, जैनतत्त्व का सरलता पूर्वक परिचय प्राप्त कर पायें, इसी भावना से विद्वान् मुनिराजश्री देवेन्द्रसागरजी ने इसका सुंदर रूपसे संपादन कार्य किया है । इस पुस्तकमें । यदि कहीं पर जिनाज्ञा विरुद्ध मतिकल्पनासे कुछ कथन हुआ हो तो उसके लिये मैं मिच्छामि दक्कडं देता हूँ। भवदीय : पद्मसागर For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 105