Book Title: Sanshay Sab Door Bhaye
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 69
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org राजा को बात समझ में आ गई. वह रानी से मिलने गया. रानीने इसे पुड़िया का प्रभाव माना और धीरे धीरे वह स्वस्थ होने लगी. दो वर्षों से वह राजा के दर्शनों के लिए तरस रही थी. आज राजा को सामने देखकर प्रेम और हर्षके अतिरेक से उसकी आँखें आँसू बरसाने लगीं. राजाका हृदय भी द्रवित हो गया. उसकी आँखें भी गीली हो गईं. उसने अपने दुर्व्यवहार के लिए रानीसे माफी माँगी. दोनों की कटुता समाप्त हो जाने पर प्रेम उत्पन्न हुआ. दोनों आनन्द से रहने लगे. रानी के आग्रह से मफतलाल को "राजवैध" का पद दे दिया गया. राजकीय कोष से उन्हें भारी मासिक वेतन दिया जाने लगा. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुछ दिनों बाद एक दुश्मन राजाने पाँच हजार सैनिकोंकी विशाल सेना से उसका राज्य घेर लिया. गुप्तचरों से पहले उसने पता लगा लिया था कि उस राजा के पास केवल तीन हजार सैनिक हैं, इसलिए वह पाँच हजार सैनिक अपने साथ लाया. राजाके पास उसने सन्देश भिजवा दिया कि कल दोपहर तक आप अधीनता स्वीकार करलें, अन्य था युद्ध करके राज्य छीन लिया जायगा. राजा ने यह सन्देश पाकर इमर्जेंसी मीटिंग बुलाई विचार विमर्श हुआ कि दुश्मनके सन्देशका उत्तर क्या दिया जाय. किसी ने सुझाव दिया कि वैद्यराजसे भी इस विषय में राय ले ली जाय तो क्या हर्ज है. राजाने स्वीकृति दे दी. वैद्यराज मफतलाल को बुलाकर पूछा गया कि पाँच हजार सैनिकों को साथ लेकर शत्रु राजाने अपना नगर घेर लिया है. अपने पास कुल सैनिक तीन हजार है. ऐसे मौके पर शत्रुको परास्त करके अपनी नाक बचाने का आपके पास कोई इलाज हो तो बताइये. वैद्यराज को अब तक त्रिफला चूर्ण की पुडियोंके बल पर सफलता मिलती आ रही थी । इसलिए यहाँ भी उन्हींका उपयोग करनेका सुझाव देते हुए कहा : "यदि आज अपनी सेनाके प्रत्येक सैनिक को रातके समय दो-दो घंटे के अन्तर में गरम पानी के साथ एक-एक पुड़िया तीन बार खिला दी जाय तो मेरे खयाल से यह संकट मिट जायगा. वैसा ही किया गया. रातको दो बजे चार बजे और छह बजे एक-एक पुडिया प्रत्येक सैनिकने गरम जलके साथ लेली. परिणाम स्वरूप सब को दस्तें लगने लगीं. लोटा लेकर हर सैनिक तीन-तीन बार शौच से निपटने ५१ For Private And Personal Use Only

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