Book Title: Sankshipta Prakrit Shabda Roopmala
Author(s): Chandrodayvijay
Publisher: Zaverchand Ramaji Shah

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संक्षिप्तप्राकृत बीआ- कत्तारं. कत्तारे, कत्तारा. कत्तुणो, कत्तू. तइआ.. कत्तारेण, कत्तारेणं, कत्तारेहि, कत्तारेहिँ, कत्तारेहिं. कत्तुणा. कत्तूहि, कत्तूहिँ, कत्तूहिं. चउत्थी- कत्तारस्स, कत्ताराण, कत्ताराणं, कत्तुणो, कत्तुस्स. कत्तूण, कत्तूणं. पंचमी- कत्तारत्तो, कत्ताराओ, कत्तारत्तो, कत्ताराओ, कत्ताराउ, कत्ताराहि, कत्ताराउ, कत्ताराहिन्तो, कत्तारा. कत्ताराहि, कत्तारेहि, कत्ताराहिन्तो, कत्तारेहिन्तो, कत्तारासुन्तो, कत्तारेसुन्तो. कत्सुणो, कत्तुत्तो, कत्तुओ, कत्तुत्तो, कत्तुओ, कत्तूउ, कत्तूहिन्तो. कत्तूउ, कत्तूहिन्तो, कत्तुसुन्तो. छट्ठी- कत्तारस्स. कत्ताराण, कत्ताराणं. कत्तुणो, कत्तुस्स. कत्तूण, कत्तुणं. सत्तमी- कत्तारे, कत्तारम्मि, कत्तारेसु, कत्तारेसु, [कत्तारंलि], कत्तुसु, कत्तूसुं. कत्तुम्मि, [कत्तुंसि]. संबोहण- हे कत्त, कत्तार, कत्तारा, कत्तवो, कत्तओ, कत्तारो. कत्तउ, कस्तू, कत्तुणो. एवम्-दायार-दाउ (दात), वत्तार-वत्तु (वक्त), णायार णाउ, (ज्ञात) इत्यादयः । For Private And Personal Use Only

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