Book Title: Sankshipta Prakrit Shabda Roopmala
Author(s): Chandrodayvijay
Publisher: Zaverchand Ramaji Shah

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Page 54
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शब्दरूपमाला ॥ [४५ - - - (७) सस, ((सप्तन) शब्दस्य त्रिलिंगे समानरूपाणि । बहुवचन. प. सत्त. सत्तहि. सत्तहिं , सत्तहिं. सत्तण्ह, सत्तण्हं. सत्तत्तो. सत्ताओ, सत्ताउ, सत्ताहिन्तो, सत्तासुन्तो. सत्तसु, सत्तसुं. अट्ठ (अष्टन्) शब्दस्य त्रिलिंगे समानरूपाणि । बहुवचन. च. छ. अहि, अट्टहि , अहिं. अट्टह, अद्रुहं. अट्टत्तो, अट्ठाओ, अट्ठाउ, अट्ठाहिन्तो, अट्ठासुन्तो. भट्ठसु. अट्ठसुं. एवं-अड (अष्टन् ) शब्दः . (९) नव (नवन्) शब्दस त्रिलिंगे समानरूपाणि । बहुवचन. नव. For Private And Personal Use Only

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