Book Title: Sankshipta Prakrit Shabda Roopmala
Author(s): Chandrodayvijay
Publisher: Zaverchand Ramaji Shah

View full book text
Previous | Next

Page 56
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra बी. त. www.kobatirth.org शब्दरूपमाला ॥ वीसं. वीसाओ, वीसाउ, वीसा. वीसाभ, वीसाइ, वीसाए. वीसाहि, वीसाहिं, वीसाहिं. शेष - 'दया' शब्दवत्. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एवं एगूण वीसा - एगत्रीसा- एगुणतीसा- तीसा - एगतीसा - एगुणचत्तालीसा - चत्तालीसा - पण्णासा- अट्ठावण्णा- इत्यादयः (१२) स्त्रीलिंगे सहि ( षष्टि) शब्दस्य रूपाणि । एकवचन. प. सयं. बी, सयं. बहुवचन. प. सड्डी. सड्डीउ, सडीओ, सड्डी. श्री. सि सट्ठीउ, सड्डीओ, सड्डी. त. सड्डीअ, सडीआ, सट्टीइ, सडीए, सगीहि, सट्टीहिँ, सड्रीहिं. शेषं- 'बुद्धि' शब्दवत्. एवं पगूणसडि - एगसट्टि - एगूणसत्तरि-सत्तरि- एगसत्तरि-गुणासीइएगासीर - एगूणनवइ-नवइ- एगणवइ-नवणवद्द इत्यादयः. (१३) नपुंसकलिंगे सय (शत) शब्दस्य रूपाणि । एकवचन. [ ४७ बहुवचन. सयाइँ, सयाई, सयाणि. सयाई, सयाई, सयाणि. For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127