Book Title: Sankshipta Prakrit Shabda Roopmala
Author(s): Chandrodayvijay
Publisher: Zaverchand Ramaji Shah
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बी.
त.
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शब्दरूपमाला ॥
वीसं.
वीसाओ, वीसाउ, वीसा.
वीसाभ, वीसाइ, वीसाए. वीसाहि, वीसाहिं, वीसाहिं. शेष - 'दया' शब्दवत्.
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एवं एगूण वीसा - एगत्रीसा- एगुणतीसा- तीसा - एगतीसा - एगुणचत्तालीसा - चत्तालीसा - पण्णासा- अट्ठावण्णा- इत्यादयः
(१२) स्त्रीलिंगे सहि ( षष्टि) शब्दस्य रूपाणि ।
एकवचन.
प. सयं.
बी, सयं.
बहुवचन.
प.
सड्डी.
सड्डीउ, सडीओ, सड्डी.
श्री. सि
सट्ठीउ, सड्डीओ, सड्डी.
त. सड्डीअ, सडीआ, सट्टीइ, सडीए, सगीहि, सट्टीहिँ, सड्रीहिं. शेषं- 'बुद्धि' शब्दवत्.
एवं पगूणसडि - एगसट्टि - एगूणसत्तरि-सत्तरि- एगसत्तरि-गुणासीइएगासीर - एगूणनवइ-नवइ- एगणवइ-नवणवद्द इत्यादयः.
(१३) नपुंसकलिंगे सय (शत) शब्दस्य रूपाणि ।
एकवचन.
[ ४७
बहुवचन.
सयाइँ, सयाई, सयाणि. सयाई, सयाई, सयाणि.
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