Book Title: Sankshipta Prakrit Shabda Roopmala
Author(s): Chandrodayvijay
Publisher: Zaverchand Ramaji Shah
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शब्दरूपमाला ॥
सब्बो सो जो तहा को का, की किं एसो इमो अमू । तुम्ह-अम्ह तिलिंगम्मि, सव्वनामाणि जाणए ॥ ५ ॥ __(१) अकारान्तपुल्लिंग 'सच' (सर्व) शब्दः । एकवचन.
बहुवचन. प. सब्बो, [सब्बे].
सब्वे. बो. सबं.
सब्वे, सम्वा. त. सव्वेण, सब्वेणं. सब्वेहि, सब्वेहिं, सब्वेहि. च. सबस्स, [सवाए]. सब्वेसिं, सब्याण, सवाणं. पं. सव्वत्तो, सव्वाओ, सब्बाउ, सब्वत्तो, सव्वाओ, सवाउ.
सव्वाहि, सवाहिन्तो, सवाहि, सम्वेहि, सव्वा .
सवाहिन्तो, सब्वेहिन्तो,
सव्यासुन्तो, सब्वेसुन्तो. छ. सध्वस्त.
सम्वेसिं, सव्याण, सव्वाणं. स. सवस्सि, सबम्मि, सब्बेसु, सब्वेसुं. ____सब्वत्थ, सवहि, [सव्वंसि]. सं. हे सब्व, सव्वो, सब्वा, सवे.
[सव्वे]. एवम्-वीस-विस्स (विश्व), अन्न (अन्य), पुव (पूर्व), दाहिण-दक्खिण (दक्षिण) इत्यादयः ।
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