Book Title: Sankshipta Prakrit Shabda Roopmala
Author(s): Chandrodayvijay
Publisher: Zaverchand Ramaji Shah
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३८ ]
संक्षिप्राकृत
सरआ.
५ सरअ (शरद्) शब्दस्य रूपाणि पुल्लिंगे भवन्ति । एकवचन.
बहुवचन. ५. सरओ. वी. सरअं.
सरआ. सरए. नं. हे सरअ, सरओ, सरआ. सरा.
शेर्प-जिण' शब्दवत्. एवं-भिसअ (भिषज् ) इत्यादयः ।
एकवचन.
६ स्त्रीलिंगे 'गिरा' (गिर) शब्दस्य रूपागि ।
बहुवचन. प. गिरा.
गिराउ, गिराओ, गिरा. बी. गिरं.
गिराउ, गिराओ, गिरा. सं. हे गिरे, गिरा. गिराउ, गिराओ, गिरा.
शेष-'रमा' शब्दवत्.
७ पुल्लिंगे गामणी (ग्रामणी) शब्दस्य रूपाणि । एकवचन.
बहुवचन. प, गामणी.
गामणउ, गामणओ,
गामणी, गामणिणो. श्री. गामणि.
गामणिणो, गामणी. नं. हे गामणि,
गामणउ, गामणओ,
गामणिणो, गामणी. शेषं--'मुणि' शब्दवत्,
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