Book Title: Sankshipta Prakrit Shabda Roopmala
Author(s): Chandrodayvijay
Publisher: Zaverchand Ramaji Shah
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शब्दरूपमाला ॥
[१३
छट्टी- वहुआ, वहुआ, वहूण, बहूणं.
वहूइ, वहए. सत्तमी - वहूअ, वहुआ, वहसु, वहूसुं.
वहूइ, वहए. संबोहण - हे वहु, वहू. वहूउ, वहओ, वहू.
एवम्-सासू (श्वधू), चमू (चमू ) इत्यादयः ।
(६) ऋकारान्तस्त्रीलिंग 'माआ, माअरा, माऊ' (मात्) शब्दः। एकवचन.
बहुवचन. पढमा -- माआ,
माआउ, माआओ, माआ. माअरा.
माअराउ, माअराओ, माअरा.
माऊउ, माऊओ, माऊ. बीआ- मा
माआउ, माआओ, माआ, माअसं.
माअराउ, माअराओ, माअरा.
माऊउ, माऊओ, माऊ. तइआ-- माआअ,माआइ,माआए, माआहि, माआहिं. माआहिं.
माअराअ, माअराइ, माअराहि, माअराहि, माअराए,
माअराहिं, माऊअ,माऊआ, माऊइ, माऊहि, माऊहिँ , माऊहिं.
माऊप. चउत्थी - माआअ, माआइ, माआण, माआणं,
माआए, माअराअ, माअराण, माऊराणं, माअराइ, माअराए, माऊअ, माऊआ, माऊण, माऊणं. माऊइ, माउए.
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