Book Title: Samajonnayak Krantikari Yugpurush Bramhachari Shitalprasad
Author(s): Jyotiprasad Jain
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Digambar Jain Parishad

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Page 42
________________ - नीचे व्रह्मचारी जी की ज्ञात एवं प्रकाशित कृतियों की वर्गीकृत सची दी जा रही है, जिससे पाठकों को उस धर्म और समाज के महान सेवक की साहित्य सेवा का भान होगा : टीका-अनुवादित : 1- समयसार- आत्मख्याति. (कुन्दकुन्दाचार्य कृत समयसार की अमृत ___ चन्द्राचार्य कृत आत्मख्याति टीका का अनुवाद ) 2- समयसार कलश ( पंडित राजमल्ल कृत टीका का अनुवाद ) 3- प्रवचनसार (कुन्दकुन्द) की भाषा टीका, 3 भाग - 4- पंचास्तिकाय (कुन्दकुन्द) की भाषा टीका, 2 भाग : 5- नियमसार (कुन्दकुन्द) की भाषा टीका (दिल्ली से 4-5 वर्ष पूर्व __ पुनः प्रकाशित हुई है ) 6- बृहत स्वयंभूस्तोत्र (समन्तभद्र) की भाषा टीका 7- समाधिशतक (पूज्यपाद), भाषा टीका 8- इष्टोपदेश (पूज्यपाद) भाषाटीका 6- सामायिक पाठ व तत्वभावना (अमितगति) भाषा टीका 10- तत्वसार (देवसेन) भाषा टीका 11- योगसार (योगीन्दु) भाषा टीका 12. त्रिमंगीसार (तारणस्वामी) भाषा टीका 13- सार-समुच्चय (कुलभद्र) भाषा टीका 14- श्रावकाचार (तारणस्वामी) भाषा टीका 15- ज्ञानसमुच्चयसार (तारणस्वामी) भाषा टीका 16- उपदेश शुद्धसार (तारणस्वामी) भाषा टीका 17- ममलपाहुड़ (तारणस्वामी) भाषा टीका (3 भाग) 18. आध्यात्मिक चौबीस उठाणा (तारणस्वामी) भाषा टीका Re- छहढाला (दौलतराम) भाषा टीका ( 35 )

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