Book Title: Samajonnayak Krantikari Yugpurush Bramhachari Shitalprasad
Author(s): Jyotiprasad Jain
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Digambar Jain Parishad

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Page 76
________________ का कारण अहिंसा नहीं बल्कि हिन्दू रोजाओं के भीतर परस्पर फूट का होना है / जब तक इस धरती पर जिस शासन का झंडा लहराता रहेगा ब्रह्मचारी शीतलप्रसाद जी का नाम दिगम्बर जैन समाज के लिए सदैव गौरव का विषय बना रहेगा मेरे पूज्य बाबा जी स्व० बाबू ऋषभदास जी वकील ब्रहमचारी जी के विचारों के कट्टर समर्थक थे। वे स्वयं भी अपने समय में प्रसिद्ध लेखकों में गिने जाते थे / जिस समय ब्रहमचारी जी ने विधवा विवाह का समर्थन किया था मेरे बाबा जी ने उनके विचारों का खलकर समाज में समर्थन किया था। हालांकि विद्वत समाज में से अधिकांश ने ब्रहमचारी' जी के इन विचारों का विरोध किया /

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