Book Title: Samajonnayak Krantikari Yugpurush Bramhachari Shitalprasad
Author(s): Jyotiprasad Jain
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Digambar Jain Parishad
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________________ मिलता है जिन्होंने मानवता के विकास के लिए अपने आपको न्यौछावर कर दिया, वे परोपकारी हैं, स्मरणीय हैं,। - उनकी पाबन-पुनीत चिर स्मति में हमारी समाज के कर्णधारों ने जो शीतल' जन्म-शताब्दी समारोह एवं समापन समारोह जिस शालीनता एवं निष्ठा और उत्साह पूर्वक आयोजित किये थे वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं / अन्त में हम इस आध्यात्मिक विभति के श्रद्धावनतः होकर अपनी श्रद्धांजलि समर्पित करते हैं- इन शुभ संकल्पों के साथ कि इस तरह की महान विभूतियां हमारे देश में सदैव अवतरित होती रहें, जिससे कि धर्म एवं संस्कृति की रक्षा हो और देश एवं समाज का कल्याण हो / श्रद्धावनत् :भगवानदास जैन सागर म. प्र. 72