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७ दृष्टि बदलिए, सृष्टि बदलेगी ८ उत्कृष्ट आस्था के मूल मंत्र ६ यथार्थ जीवन दृष्टि का मूल्यांकन १० उपासना का राजमार्ग ११ आत्म-समर्पण का मूल्य १२ 'शम' और उसका स्वरूप १३ 'शम' का द्वितीय रूप-शम १४ श्रमण संस्कृति का तृतीय मूल मंत्र : सम १५ समदृष्टि को परखने का दूसरा चिन्ह : संवेग १६ सम्यग्दृष्टि का तीसरा चिन्ह-निर्वेद १७ सम्यग्दृष्टि का चौथा चिन्ह : अनुकम्पा १८ आस्तिक्य का मुल : आत्मवाद १६ आस्तिक्य का द्वितीय आधार : लोकवाद २० आस्तिक्य का तृतीय आधार : कर्मवाद २१ कर्मवाद : आस्तिक्य का प्राण २२ आस्तिक्य का चतुर्थ आधार : क्रियावाद
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