Book Title: Ratnakarandak Shravakachar
Author(s): Samantbhadracharya, Mannulal Jain
Publisher: Vitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer

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Page 7
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates प्रथम आवृति द्वितीय आवृति तृतीय आवृति चतुर्थ आवृति प्राप्ति स्थान वीतराग-विज्ञान स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट अजमेर (राज.) मुद्रक 2 : ५००० (मई सन् १६६६ ) : ५००० ( जनवरी सन् १६६७ ) : १०००० ( मार्च सन् १६६८ ) : ५००० (सितम्बर सन् २००० ) १. पण्डित सदासुख ग्रंथमाला ४६३५/३८, डिप्टीगंज, सदर बाजार दिल्ली- ११०००६, टेलि : ७५३७००६ २. श्री वीतराग विज्ञान स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट वीतराग विज्ञान भवन, पुरानी मण्डी, अजमेर टेलि : ४२६३६७, ४२३१५३ ३. आचार्य कुन्दकुन्द शिक्षण संस्थान ट्रस्ट ए–३०४, पूनम अपार्टमेन्ट, वरली मुम्बई – ४०००१८ टेलि : ४६२१६६६ ४. श्री पं. टोडरमल स्मारक भवन ए–४, बापूनगर, जयपुर - ३०२०१५ टेलि : ५१५५८९, ५१५४५८ : इण्डिया बाइंडिंग हाउस मानसरोवर पार्क, शाहदरा, दिल्ली Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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