Book Title: Rajul
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 7
________________ राजुल बारात जूनागढ़ में प्रवेश कर रही है। एक सज्जित रथ में श्री कृष्ण पांडवों के साथ शोभायमान हैं। अश्व, हाथी और रथों की पंक्तियों के आगे हर्षोल्लास को दर्शाते संगीतरचते वाद्ययन्त्रों सहित वादक-बारात एक भव्य द्रष्य की भाँति सजी हुई दर्शकों की भीड़ के बीच आगे बढ़ती है बारात के मध्य भाग में एक भव्य और दिव्य रथ में युवा राजकुमार नेमिनाथ बैठे हैं। इतनी दूल्हा कितना सुन्दर आकर्षक है। अपनी राजकुमारी राजुल बारात तो के भाग्य खुल गये। जीवन में कभी नहीं देखी!

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