Book Title: Rajul Author(s): Mishrilal Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 33
________________ राजुल देवराज इन्द्र सभी देवी देवताओं को निर्वाण स्थल की आराधना करने का निर्देश देता है| देवियों और देवताओं तीर्थकर नेमिनाथ की साधना और निर्वाणकी इस स्थली की आराधना करो। सभी नर नारी, देवी देवतागण एक स्वर में अहंत नेमिनाथ की आराधना करते हैं। APER 31Page Navigation
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