Book Title: Rajul
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 36
________________ झक पंजीयन-क्षार. जे.2920 भावी पीढी के आचार-विचार एवम सदाचार का सुसंस्कृत नवनिर्माण में आप अपना सहयोग प्रदान करें। मुनो विनोद और ज्ञानवर्धन का उपयुक्त साधन जैन संस्कृति, इतिहास तथा महावीर की वाणी को जनजन तक पहुंचाने के लिए जैन कथाओं पर आधारित / 199sup जैन चित्रकथा सम्पादक. धर्मचन्द शास्त्री Printed by: SHAKUN PRINTERS, 3625 Darya Ganj, New Delhi-2. Phone: 271818

Loading...

Page Navigation
1 ... 34 35 36