Book Title: Rajul Author(s): Mishrilal Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 18
________________ जैन चित्रकथा सच्चे सुख- मुक्ति मार्ग प्राप्त करने के लिए राजुल गिरनार पर्वत से मधुर स्वर मेगातीलौट चली देवता । ताम् हरो SD रागा को AND करो! EDYINDLA गिरनार पर्वत के तल में स्थित एक प्राकृतिक गुफा में राजुल सामयिक साधना में रत है 16Page Navigation
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