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__ • श्रीमान् जैनधर्मभूषण धर्मदिवाकर पूज्य
ब्रशीतलप्रसादजी। (समयसोर, नियमसार, समाधिशतक, प्रवचनसार आदिके टीकाकार
व गृहस्थधर्म, आत्मधर्म आदिके रचयिता तथा
ऑ० सम्पादक "जैनमित्र" सूरत ।) Jain Vijaya Press, Surat