Book Title: Pramey Kamal Marttand Part 2
Author(s): Prabhachandracharya, Jinmati Mata
Publisher: Lala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
________________
परमपूज्य, प्रातःस्मरणीय, आचार्यप्रवर १०८ श्री वीरसागरजी महाराज
FOX RINNADANAIAMAINONARNIR
चतुर्विधगणैः पूज्यं, गंभीरं सुप्रभावकम् ।
वीरसिन्धुगुरु स्तौमि, सूरिगुणविभूषितम् ।। जन्म: क्षुल्लक दीक्षा : मुनि दीक्षा:
समाधि: आषाढ़ पूर्णिमा फाल्गुन शुक्ला ७ आश्विन शुक्ला ११ आश्विन अमावस्या वि० सं० १६३२ वि० सं० १९८० वि० सं० १९८१ वि० सं० २०१४
वीर ग्राम (महाराष्ट्र) कुम्भोज (महाराष्ट्र) समडोली (महाराष्ट्र) जयपुर (राज.) 2QMSQATIQSADIQNI TAQIRINYS
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 698